भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (BPCL) में 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की अनुमति देने के लिए सरकार FDI नीति में बदलाव कर सकती है। जिसके तहत सरकार ने बीपीसीएल में अपनी 52.98 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने का फैसला किया है ।
वर्तमान एफडीआई नीति के अनुसार, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (पीएसयू) पेट्रोलियम रिफाइनिंग में एफडीआई 49 प्रतिशत तक सीमित है।
विभागीय चर्चा
सूत्रों ने कहा कि पिछले कुछ हफ्तों के दौरान DEEPAM (निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग), आर्थिक मामलों के विभाग और DPIT (उद्योग और व्यापार संवर्धन विभाग) के बीच कई दौर की चर्चा हुई। सभी विभागों ने प्रस्ताव पर सहमति जताई और जल्द ही अंतिम फैसला लिया जा सकता है।
कैसे होगा FDI नीति में बदलाव
- सरकार एफडीआई नीति और फेमा प्रावधानों में संशोधन करने की योजना बना रही है, ताकि बीपीसीएल में ऑटोमेटिक रूट से 100 फीसदी एफडीआई की अनुमति मिल सके।
-प्रस्तावित संशोधन के तहत, सरकार निजीकरण प्रक्रिया के तहत पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस क्षेत्र में सार्वजनिक उपक्रमों में 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति देने के लिए एक स्टैंडअलोन प्रावधान शामिल कर सकती है।
संबंधित मंत्रालयों के बीच एक आम सहमति बन गई है और अंतिम निर्णय बहुत जल्द लिया जा सकता है।